22 जनवरी को आयोध्या मे नव निर्मित राम मंदिर मे रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर जिले मे कांग्रेस पार्टी विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम आयोजित करेगी।*महासमुंद ट्रैक सीजी गौरव चंद्राकर
22 जनवरी 2024 को अयोध्या में आयोजित किये जा रहे श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा “रामोत्सव” के अवसर पर महासमुंद जिले में कांग्रेस जिलाध्यक्ष डा रश्मि चन्द्राकर के नेतृत्व मे होंगे भक्तिमय सांस्कृतिक कार्यक्रम। कांग्रेस सरकार द्वारा विकसित राम वन गमन पथ के महासमुंद स्थित ग्राम मुड़ियाडीह, पासिद, बोरिद, अमलोर, सिरपुर, खडसा, गढ़सीवनी, पीढ़ी, अछोला, जलकी, फुसेरडीह मे निर्मित पखौडो की साफ सफाई कांग्रेसजन करेंगे तथा गोबर लिपाई कर उस पर रंगोली बनाए जाएंगे, वही राम वन गमन पथ की मिट्टी को कलश मे एकत्रित कर प्रत्येक ब्लॉक अध्यक्ष उक्त कलश को अपने-अपने ब्लाॅक मे लेकर जाएंगे और कलश की पूजा अर्चना करेंगे तत्पश्चात कलश की मिट्टी मे सुगंधित चंदन मिलाकर सभी के माथे पर उक्त चंदन युक्त मिट्टी का तिलक लगाकर लोगो को छत्तीसगढ मे श्रीराम के होने का एहसास कराएंगे। जिला कांग्रेस भवन मे तथा प्रत्येक ब्लॉक मे कांग्रेस पार्टी द्वारा भजन कीर्तन का कार्यक्रम रखा गया है जिसके अंतर्गत सुंदरकांड, हनुमान चालीसा, रामचरितमानस आदि का पाठ किया जाएगा तथा ध्वज भी लहराए जाएंगे। डा रश्मि चन्द्राकर ने कहा है की राम वन गमन पथ की उक्त मिट्टी सभी के लिए उपलब्ध रहेगी अतः सभी से निवेदन है ज्यादा से ज्यादा संख्या मे एकत्रित होकर उक्त कार्यक्रम को भव्य बनाए। कांग्रेस पदाधिकारियों व ब्लॉक अध्यक्षो की बैठक लेकर कांग्रेस जिलाध्यक्ष डॉ रश्मि चंद्राकर ने कार्यक्रम को भव्य बनाने के निर्देश कांग्रेस जनों को दिए हैं। बैठक को संबोधित करते हुए कांग्रेस जिला अध्यक्ष डॉ रश्मि चंद्राकर ने कहा कि यह कौशल्या माता का प्रदेश है और प्रभु श्रीराम यहा के भांचा है अतः भांचा राम छत्तीसगढ व छत्तीसगढीयो के कण-कण मे है। प्रभु श्रीराम का राजतिलक होना था मगर उन्हे वनवास पर भेज दिया गया जहा वो निषादराज से मिले, शबरी से मिले, ऋषि मुनियों से मिले। वनवास के दौरान प्रभु श्रीराम ने अनेको कठिनाईया सही फिर भी अपनी मर्यादा नहीं खोई। उन्होंने वनवास का 10 साल इसी छत्तीसगढ मे गुजारा है। छत्तीसगढ़ में उन्होंने इतने बरस गुजारे, फिर भी हमारा रिश्ता वनवासी राम के साथ-साथ कौशल्या के राम से भी है, वे हमारे भांजे है इसलिए हम भांजों का पैर छूते हैं।छत्तीसगढ़ का कुछ न कुछ अंश भगवान राम के चरित्र में देखने को मिलता है। हमारा रिश्ता राम से केवल वनवासी राम का नहीं है। बल्कि हमारा रिश्ता शबरी के राम, कौशल्या के राम अर्थात भांचा राम के रूप में भी है।भगवान राम साकार भी है और निराकार भी। राम को मानने वाले उन्हें दोनों स्वरूप में मानने वाले हैं। हमारा प्रयास हमारी संस्कृति, हमारे खानपान, हमारे तीज-त्यौहारों को आगे बढ़ाने का है। मैंने देखा कि रामनामी सम्प्रदाय के भाईयों ने मार्चपास्ट किया। जो कबीर का रास्ता है। रामनामी का रास्ता है। वो निराकार का रास्ता है। सबके अपने-अपने राम हैं।अपनी संस्कृति को संरक्षित करने का काम हम लोग कर रहे हैं। हमारे गांव-गांव में भी रामकथा के दल बने हैं।राम सबके हैं। निषादराज के हैं शबरी के हैं।बहुत गरिमापूर्ण ढंग से आप लोग यह कार्यक्रम करना हैं हमारी सुबह राम से होती है। शाम रामायण से होती है। अंत में सियावर रामचंद्र और हनुमान जी की जय के साथ उन्होंने अपने उद्बोधन का अंत किया। बैठक मे प्रमुख रूप से जिलाध्यक्ष डा रश्मि चंद्राकर, प्रभारी महामंत्री संजय शर्मा, ब्लाॅक अध्यक्षगण खिलावन बघेल, ढेलु निषाद, खिलावन साहू, भूपेंद्र ठाकुर, रवि निषाद, संतोष पटेल, करण सिंह दिवान, रविशंकर कश्यप, विजय साहू, जितेंद्र सिदार, पुष्पेंद्र पटेल, बलराम भोई, आर एन आदित्य, जिला पंचायत सदस्य अमर चंद्राकर, कांग्रेस प्रवक्ता निर्मल जैन, सोशल मीडिया प्रभारी मोती जांगडे प्रमुख रूप से उपस्थित थे। उक्त जानकारी कांग्रेस प्रवक्ता निर्मल जैन ने दी।फोटो