जनता के लिए जनता द्वारा वसुले पैसों का निर्माण के नाम पर दिखावे का खेल, जिम्मेदारो की चुप्पी, भ्रष्टाचार की स्पष्ट जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम ढारा से सनकपाट तक 3.2 किलोमीटर दूरी सड़क निर्माण के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत लगभग 1करोड़ 74 लाख 33 हजार की लागत से मार्ग बन रहा है। यह मार्ग ग्राम ढारा से प्रारंभ होकर छीतापार होते हुए सनकपाट तक 3.2 किमी पक्की सड़क बनना है। मार्ग निर्माण में ठेकेदार के द्वारा घटिया किस्म का मिट्टी युक्त कतरी का उपयोग सड़क निर्माण में किया जा रहा है जो की एक प्रकार से शासन प्रशासन की आंख में धूल झोंक कर सरकारी पैसो को नुकसान कर रहा है । वही सड़क मार्ग में लगे गांव की विकास को गर्त में डालने का काम धडल्ले से चल रहा है। कहां जाता है कि गांव का विकास गांव की मूलभूत सुविधा सड़क नाली पानी की अच्छी व्यवस्था ग्राम को विकास के क्षेत्र में एक नई दिशा देने का कार्य करता है लेकिन उक्त निर्माण में इन सभी को दरकिनार कर निर्माण कार्य जोरों से चल रहा है। वही ग्राम प्रमुख भी अपने दायित्व से पीछे हटते हुए अभी तक गुणवत्ता विहीन मिट्टी युक्त कतरी जो की सड़क निर्माण में उपयोग किया जा रहा है के संबंध में किसी भी प्रकार से ठेकेदार को मनानहीं नहीं करना उनका ठेकेदार से आपसी समझौते के रूप स्पष्ट समझ आता है जबकि ग्राम वासी ग्राम के सरपंच को इस बात से अवगत करा चुके हैं फिर भी सरपंच के द्वारा उक्त बातों को अनदेखा करना कहीं ना कहीं ठेकेदारों के साथ भ्रष्टाचार में संलिप्तता को दर्शाता है। जिसकी सत्यता मौके मुआवना पर देखा जा सकता है। थोड़े से हल्के बारिश होने पर भी गुणवत्ता विहीन डाले जा रहे मिट्टी युक्त कतरी पूरी सड़क को नस्तोनाबुद कर देगी।*ठेकेदार और पंचायत सरपंच का मिली भगत का खेल तो नहीं जनता अपनी नेता चुनकर उनसे उम्मीद लगाकर बैठे रहते हैं की हमारा प्रतिनिधि हमारे गांव समाज,और देश के लिए कुछ करेंगे किन्तु जब जनता के पीठ पीछे उनके द्वारा बनाए गए प्रतिनिधि जब लोभ और लालच में आकर क्षेत्र की जनता के साथ धोखा करने लगे हैं जिनके चलते क्षेत्र की विकास में बांधा उत्पन्न होता है। वहीं सरकार की हर योजनाओं को डकारने में लगे रहते हैं नतीजन गांव की भोली भाली जनता अपना प्रतिनिधि जो भी करेगा क्षेत्र व गांव की विकास के लिए काम करेंगे कह उनसे उम्मीद लगाकर बैठे रहते हैं। किन्तु उनके पीछे जनता के विश्वास को कुचलकर अपना स्वार्थ सिद्ध करने में लग जाते हैं जिनके कारण सरकार से जनता से विश्वास उठ जाता है और सरकार बदलने के लिए जनता अपना विचार बदल देता है। एक कहावत आप सभी लोगों ने पढ़ी होगी दो के लड़ाई में तीसरे का फायदा होता है वैसे ही जनता और प्रतिनिधि को लड़ाकर ठेकेदार अपनी रोटी सेंक रहे हैं। जिस तरह से गुणवत्ता विहीन सड़क निर्माणधीन है और ग्राम पंचायत सरपंच का उस पर किसी भी प्रकार से टिप्पणी न करना कहीं ना कहीं सड़क निर्माण कर रहे ठेकेदार एवं ग्राम पंचायत सरपंच के बीच मिली भगत की ओर इशारा करता है। सड़क में जिस तरह मिट्टी युक्त कतरी का उपयोग किया जा रहा है उससे साफ स्पष्ट होता है कि सड़क गुणवत्ताहीन निर्माण होगा और जिस समस्या से ग्रामवासी जूझ रहे हैं उनको समस्या से निजात मिलना महज सपना ही बनकर रह जाएगा। ग्रामवासी जिस सुनहरे सपनों को लेकर सड़क निर्माण को लेकर खुश थे वहीं उनके चेहरे पर मायूसी भी देखी जा रही है। ठेकेदार समझदारी से रायल्टी चोरी कर सरकार और जनता को लगा रहे चुना*गांव के कुछ गैरजिम्मेदार लोगों को खिला पिला कर ठेकेदार अपनी सुझ बुझ से गांव का कतरी जेसीबी मशीन तथा हाईवा लगाकर हो रहे निर्माणधीन सड़क पर डाल रहे हैं। जिससे गांव के पंचायत का राजस्व की हो रही चोरी और जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों की के आंखों के सामने बेशकिमती कतरी निकाल कर ठेकेदार माला माल हो रहे हैं वहीं गांव के जिम्मेदार लोगों के सामने गांव लुट रही है वहीं प्रशासनिक अधिकारियों की चुप्पी इस बात को जाहिर करता है की गांव से कोई शिकायत तो नहीं मिला हमें क्यों टेंशन लेना हमारी तो रोजी पक्की है की सोच बनाकर काम करने वाले जिला प्रशासन के बड़े पदों पर विराजमान अधिकारियों के जमीर जिंदा है भी की नहीं यह तो खबर लगने के बाद ही पता चलेगा साथ ही इस बात का खुलासा हो जायेगा की खनिज विभाग से खनन की अनुमति ले ली है की ठेकेदार की दबंगई के दम पर रायल्टी की खर्चों से बच रहे हैं। अमन पथ दैनिक समाचार पत्र के संवाददाता को ग्राम में हो रहे गुणवत्ता विहीन सड़क निर्माण की जानकारी मिलने पर ग्राम पहुंचे और ग्राम के कुछ वरिष्ठ लोगों से बात करने पर नाम ना बताने की शर्त में जानकारी देते हुए बताया कि सड़क निर्माण में जो पदार्थ गुणवत्ता विहीन मिट्टी युक्त कतरी डाला जा रहा है वह ग्राम से ही निकाला जा रहा है हम लोगों के लाख मना करने पर भी ठेकेदार अपनी मनमानी कर रहें है। वही ग्राम प्रमुख ग्राम पंचायत सरपंच को भी इस बात के लिए ग्रामीणों के द्वारा चर्चा किया गया किंतु वह भी इस मामले पर कुछ बोल नहीं रहे हैं। इससे साफ स्पष्ट हो रहा है कि 1 करोड़ 74 लाख से अधिक की इस सड़क निर्माण में लाखों रुपए की भ्रष्टाचार की बु दिखाई दे रही है।*जर्जर पुल के ऊपर मिट्टी डालकर कर ठेकेदार ,सरकारी पैसे को डकारने के फिराक नियत साफ़*बन रहे सड़क में पूर्व में बनी पुल-पुलिया जो जर्जर हो चुकी है। उसे ऊपर मिट्टी डालकर ठेकेदार सरकारी पैसे डकारने के फिराक में है। वहीं गुणवत्ता विहिन निर्माण होने से ज्यादा दिन नई टीक नहीं पायेगा जिनके चलते क्षेत्र की राहगीरों को समस्याओं का सामना करना पड़ेगा अच्छा होगा की समय रहते बेहतर निर्माण कार्य करवाए और शासन प्रशासन के आंखों में धुल झोंककर पैसे बटोरने में लगे ठेकेदार की लायसेंस रद्द करते हुए विभागीय जांच कर दोषीयो के खिलाफ सख्त कार्यवाही होनी चाहिए जिससे क्षेत्र की आम नागरिकों को बेहतर मार्ग मिल सके जिससे वर्तमान सरकार के काम काज पर कोई भी व्यक्ति सवाल खड़ा ना कर सके। क्योंकि जो पैसा लगा रहा है वह सरकारी खजाने का पैसा है जो आम नागरिकों से वसुला गया पैसा है केवल शासन प्रशासन का ही पैसा नहीं है छत्तीसगढ़ की जनता द्वारा प्राप्त टैक्स का पैसा है। अगर इस तरह की भ्रष्टाचार को नहीं रोका गया तो सिर्फ यह एक रोड निर्माण की बात नहीं है भ्रष्टाचारियों को इस तरह के संरक्षण से बल मिलता रहेगा तो भ्रष्टाचार में कई महारत हासिल कर छत्तीसगढ़ की सरकार व छत्तीसगढ़ की जनता के साथ विश्वासघात होगा । वही ग्रामीणों से चर्चा के दौरान उन्होंने शासन प्रशासन से समाचार पत्र के माध्यम से विनती करते हुए भ्रष्टाचार को रोकने निवेदन किया है।ग्रामीणों के द्वारा इस बात की जानकारी मुझे दी गई थी किंतु मैंने अभी तक ठेकेदार से इस मामले में चर्चा नहीं किया हूं, मैं ठेकेदार से बात कर गुणवत्ता विहीन मिट्टी युक्त कतरी को रोड निर्माण में डालने से मना करूंगा- जितेंद्र कुमार साहू( सरपंच ग्राम पंचायत छीतापार*) दूरभाष के माध्यम से कार्यपालन अभियंता पीएमजी एस वाई बेमेतरा संतोष कुमार साहू से संपर्क करने की कोशिश किया गया किंतु उनका मोबाइल लगातार व्यस्त आने के कारण बात नहीं हो पाया। जिनके कारण उनका पक्ष नहीं रखा गया।*संतोष कुमार साहू**मुख्य कार्यपालन अभियंता पीएमजी एस वाई बेमेतरा
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