:–हिट एंड रन केस में नए कानून के विरोध में ड्राइवरों की हड़ताल से मुख्यालय अंबिकापुर सहित पूरे संभाग में चक्काजाम की स्थिति बन गई है। सुबह से ही ड्राइवरों ने ट्रकों, टैंकरों और कैप्सूल वाहनों को चौक-चौराहों पर खड़ा कर सभी मुख्यमागों को जाम कर दिया है। इस दौरान ड्राइवरों ने खुलेआम गुंडागर्दी की। सुबह से पूरे शहर में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। इसकी वजह से बाहर से आने वाले यात्री भी परेशान रहे।हिट एंड रन केस में केंद्र सरकार के नए कानून के विरोध में ट्रक और बसों का परिचालन नए साल के पहले दिन सोमवार को सरगुजा संभाग में पूरी तरह से बंद है। सुबह से ही ट्रकों, कैप्सूल वाहनों और टैंकरों के चालकों ने अंबिकापुर रिंग रोड, गांधी चौक, बिलासपुर चौक, खरसिया नाका, रामानुजगंज नाका, अंबेडकर चौक और सभी मुख्य चौक-चौराहों पर बेतरतीब खड़ा कर दिया। बसों का परिचालन भी आज नहीं हो सका। बाहर से यात्रियों को लेकर आने वाले वाहनों को भी बाहर ही रोक दिया गया।ड्राइवर करते रहे गुंडागर्दी, पुलिस नदारद चौक-चौराहों पर बेतरतीब वाहनों को खड़ा कर ड्राइवर गुंडागर्दी पर उतारू रहे। दफ्तरों के लिए जा रहे कर्मचारियों के साथ आम लोगों के साथ भी ड्राइवर अभद्रता करते रहे। इस दौरान अपने निजी दोपहिया वाहनों से स्कूल जाने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं को भी वापस लौटना पड़ा। चारपहिया टैक्सियों का भी परिचालन बंद रहा। राहगीरों के साथ भी ड्राइवरों ने कुछ स्थानों पर मारपीट की। इस दौरान पुलिस बल नदारद दिखा।बाहर से आने वाले यात्री हुए परेशान ड्राइवरों की हड़ताल के कारण बाहर से आने वाले यात्रियों को खासा परेशान होना पड़ा। ट्रेन से आने वाले यात्री सुबह ऑटो से शहर की सीमा तक किसी तरह पहुंचे, तो उन्हें बाहर ही उतरना पड़ा। सुबह बसों से अंबिकापुर पहुंचे यात्री आगे के गंतव्य के लिए नहीं जा सके और इधर-उधर परेशान भटकते रहे। कुछ बसों के शहर सीमा के बाहर ही उतार दिए जाने के कारण वे भी भटकते रहे।पेट्रोल पंपों पर भी हड़ताल की स्थिति पेट्रोल पंपों पर भी हड़ताल का असर दिखा। इंडियन ऑयल के ड्राइवर तीन दिन पहले से ही हड़ताल पर हैं, जिसके कारण ज्यादातर पेट्रोल पंप ड्राई होने की स्थिति में हैं। हड़ताल को देखते हुए बीपीसीएल और हिंदुस्तान पेट्रोलियम के ड्राइवर भी तेल लेकर नहीं निकले थे, जिसके कारण अधिकांश पेट्रोल पंपों पर आज पूरे दिन का भी पेट्रोल-डीजल नहीं बचा है।ट्रांसपोर्टर नए कानून के खिलाफहिट एंड रन केस को लेकर केंद्र सरकार नया कानून लाई है। धारा 304ए के दो प्रावधानों को लेकर ट्रांसपोर्टरों ने विरोध शुरू कर दिया है। वर्तमान प्रावधान में ड्राइवर की थाने से जमानत हो जाती है और अधिकतम दो साल की सजा है। संशोधित कानून में वाहन ड्राइवर को अधिकतम दस साल की सजा और सात लाख जुर्माने का प्रावधान किया गया है। सभी ट्रांसपोर्टर के साथ ट्रक मालिक संघ व बस मालिक संघ इसके खिलाफ हैं।
सरगुजा संभाग में बस और ट्रक के थमे पहियेः चौक-चौराहों पर ट्रक खड़ा कर चक्काजाम, ड्राइवर खुलेआम करते रहे गुंडागर्दी प्रमुख चौक-चौराहों पर वाहने खड़ा कर चक्काजाम।(शशी रंजन सिंह सूरजपुर )
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