राज्य के चुनाव में दुर्ग सांसद व प्रदेश भाजपा घोषणा पत्र समिति के संयोजक विजय बघेल की महत्वपूर्ण भूमिका रही। भाजपा की रणनीति के तहत उन्होंने चुनाव के अंतिम समय तक पूर्व मुख्यमंत्री को पाटन में ही घेरे रखा। यह बात ओम माथुर ने कही। कहा कि विजय बघेल के नेतृत्व में निर्मित घोषणा पत्र ही छत्तीसगढ़ में जीत की मुख्य वज़ह रही। प्रदेश भाजपा की जीत में विजय बघेल की अहम भूमिका रही।ओम माथुर ने कहा की सांसद विजय बघेल भले ही स्वयं पाटन से चुनाव हार गए हैं, लेकिन जिले सहित पूरे छग में भाजपा की जीत के असल नायक वे ही रहे। विजय बघेल पार्टी की घोषणा पत्र समिति के संयोजक थे। उनके ही नेतृत्व में पार्टी ने पूरे राज्य में आम जनता की राय से ‘मोदी की गारंटी’ के नाम से घोषणा-पत्र जारी किया गया। जिसमें दो साल का बकाया बोनस और धान खरीदी का एकमुश्त भुगतान ने किसानों ने सराहा। वहीं महतारी वंदन योजना के तहत महिलाओं को सालाना 12000 रुपये की वित्तीय मदद की घोषणा ने भाजपा की बड़ी बढ़त दिलाई।इसके साथ पीएससी घोटाले की जांच, यूपीएससी की तर्ज पर भर्ती परीक्षाएं, उद्योग लगाने युवाओं को 50 प्रतिशत सब्सिडी, रायपुर में सेंट्रल भारत का इनोवेशन हब, काॅलेज छात्राओं को मासिक ट्रेवल एलाउंस, हर संभाग में छग इंस्टीट्यूट ऑफ मेिउकल साइंस, हर लाेकसभा में आईआईटी की तरह छग इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी जैसे वादों ने युवा मतदाताओं का भाजपा के पक्ष में उत्साह बढ़ाया।विजय ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ चुनाव लड़ने की चुनौती को सहर्ष स्वीकार किया । इसके पीछे विजय बघेल और पार्टी की रणनीति पूर्व मुख्यमंत्री को उनके ही विधानसभा में घेरकर रखने की थी, जिसमें पार्टी कामयाब व सफल भी रही। नतीजन यह हुआ की पूरे नब्बे सीट पर कांग्रेस पार्टी हताश हो गई। जिसके कारण भाजपा को 54 सीट मिली।
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