सूरजपुर:— स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार एवं सुदृढीकरण हेतु जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के द्वारा लगातार सार्थक प्रयास किये जा रहे हैं। जिसके तहत वर्तमान में जिला चिकित्सालय सूरजपुर में अंतर विभागीय समन्वय एवं जिला प्रशासन के पहल से डी.एम.एफ. (खनिज न्यास निधि) मद से दो बिस्तर के हीमोडायलिसिस यूनिट की शुरुआत 11 मार्च 2019 से की गई है। इस हीमोडायलिसिस यूनिट से जिले के नागरिक लगातार स्वास्थ्य सेवा का लाभ उठा रहें है। जिसके तहत अब तक 2550 मरीजों का डायलिसिस किया जा चुका हैं। लगभग 19.2 प्रतिशत मरीज किडनी संबंधी रोग से ग्रसित होते हैं। जिनमें लगभग 1 प्रतिशत मरीजों को डायलिसिस की आवश्यकता होती है। इससे पहले किडनी से संबंधित रोगियों को डायलिसिस के लिए अन्य जिलों का सहारा लेना पड़ता था। जिसमें सूरजपुर जिला भी शामिल था। परन्तु वर्तमान में जिले में स्थापित इस हीमोडायलिसिस यूनिट ने यहां किडनी रोग से ग्रसित मरीजों को उनके निवास स्थान में ही एक विकल्प मुहैया कराया हैं। जिससे उनके समय व पैसे दोनों की बचत हो रही है। इस हीमोडायलिसिस यूनिट का लाभ सूरजपुर से लगें जिले जिसमें कोरिया, मनेन्द्रगढ़, चिरमिरी, भरतपुर व बलरामपुर इत्यादि शामिल है, को भी प्राप्त हो रहा है। लगभग 3040 मरीजों को डायलिसिस की आवश्यकता निकट भविष्य में होगी। ये मरीज कोरिया एवं सूरजपुर के सुदूर वनांचल क्षेत्र के होंगे जिन्हें सरलता से उनके ही निकटवर्ती जिले में यह सेवा उपलब्ध होगी। 10 सितम्बर 2022 से 05 दिसम्बर 2023 तक कुल 2550 मरीजों का डायलिसिस किया जा चुका है। यह सुविधा अभी तक सभी मरीजों को पूर्णतः निःशुल्क किया गया। लाभविन्त मरीजों में शेख मुबारक, 46 वर्ष एवं मुन्ना तिवारी, 45 वर्ष शामिल है। जो कि निश्चित समयावधि में लगातार डायलिसिस सेवा का लाभ ले रहे हैं, डॉ. रोहित पटेल, मेडिसिन विशेषज्ञ के निगरानी में निरंतर जिले में किडनी फेल मरीजों का हीमोडायलिसिस किया जा रहा है।
हीमोडायलिसिस यूनिट से 2 हजार 550 किडनी रोग ग्रसित मरीज हो चुके हैं लाभविन्त-जिला अस्पताल में स्थापित हीमोडायलिसिस के दो बेड में मिल रही है नियुक्त चिसित्सिक सुविधा ।
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