छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली रद्द किये गये ट्रेनों को यथावत संचालित करने की मांग करते हुये प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि वर्तमान में करीब 40 ट्रेनें रद्द है और अब 27 नवंबर से छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली 18 और ट्रेनें 4 माह के लिए रद्द करने का फरमान केंद्र की मोदी सरकार ने जारी किया है। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को बताना चाहिए कि आखिर किस बात का बदला छत्तीसगढ़ के रेल यात्रियों से लिया जा रहा है? यात्रियों को होने वाली असुविधा को ध्यान में रखते हुये बाधित की गयी ट्रेनें पूर्ववत संचालित किया जाये। बिलासपुर रेलवे जोन जिसके अंतर्गत छत्तीसगढ़ आता है पूरे देश में सबसे अधिक राजस्व कमाकर देने वाला रेलवे जोन है, लेकिन यात्री सुविधाये मोदी राज में सबसे ज्यादा बाधित इसी बिलासपुर रेलवे जोन में रही है। यह सिलसिला विगत साढ़े 9 साल से लगातार जारी है। दुःखद और निंदनीय है कि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष इसी बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं लेकिन जब-जब छत्तीसगढ़ के हक और अधिकारों की बात आती है, दलिय चाटुकारिता में अरुण साव सहित भाजपा के लोकसभा में छत्तीसगढ़ से निर्वाचित सभी 9 सांसद मौन रहते हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि त्योहारी सीजन और शीतकालीन अवकाश के ऐन मौके पर दिल्ली, पंजाब, राजस्थान रूट की ज्यादातर ट्रेनें प्रभावित की गई है। बहाना अधोसंरचना विकास का किया जा रहा है। सर्वविदित है कि केंद्र में कांग्रेस सरकार के दौरान देश के भीतर दूसरी और तीसरी लाइन का काम हुआ, बड़े पैमानों पर पूरे देश में रेलवे के विद्युतीकरण का काम हुआ तब भी इस तरह से मनमाने ढंग से ट्रेनें निरस्त नहीं हुई। वर्तमान में भी छत्तीसगढ़ से कोयला ढुलाई कर रहे मालगाड़ी पर कोई प्रतिबंध नहीं है। जिस भी मालगाड़ी में अडानी लिखा गया है उसके लिए परमानेंट ग्रीन सिग्नल है, लेकीन जानबूझकर यात्री ट्रेनों को बाधित किया जा रहा है ताकि रेलवे की विश्वसनीय और लोकप्रियता पर डेंट लगे और विश्वसनीयता खत्म हो जिससे मोदी सरकार बिना जन-विरोध के रेलवे को अपने पूंजीपति मित्र अडानी को बेच सके। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि असलियत यह है कि भारतीय रेल की विश्वसनीयता और यात्री सुविधा को समाप्त करने का षड्यंत्र केंद्र की मोदी सरकार ने रचा है। आम जनता की भरोसेमंद सस्ता और सुलभ परिवहन के पर्याय रेल को रेल को अचानक रद्द करने का सिलसिला मोदी सरकार में अनवरत जारी है। मोदी राज में अब तक छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली 70 हजार से अधिक ट्रेने रद्द की जा चुकी हैं। महीनों पहले यात्रा की योजना बनाकर रिजर्वेशन करानें वाले नागरिकों की परेशानी से केंद्र की मोदी सरकार को कोई सरोकार नहीं है। रेलवे यात्रियों के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं करती। देश के इतिहास में पहली बार यात्री सुविधा इतनी ज्यादा बदहाल स्थिति में है। पहले तो बुजुर्गों को मिलने वाली छूट खा गए, छात्रों को मिलने वाली रियायत का गए, सभी श्रेणी के किराए में बेतहाशा वृद्धि की, प्लेटफार्म टिकट तक में कई गुना वसूली की, दैनिक यात्री, सरकारी और निजी क्षेत्र में कर्मचारी, पढ़ाई करने वाले, छात्र-छात्राएं, कामगार, नौकरी पेसा, आम यात्री सभी मोदी राज में उपेक्षा और प्रताड़ना के शिकार हुए। कुली और ऑटो चालकों की समस्याएं भी सर्वविदित है, लेकिन मोदी शाह के अधिनायकवाद के डर से भाजपा के जनप्रतिनिधि भी जनता के प्रति अपने कर्तव्य निभाने से भाग रहे।
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