दुर्ग,भिलाई शहर की चौक चौराहों, चाय दुकानों में लोग अब हार जीत के दावे अपने-अपने हिसाब से कर रहे हैं । राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ता के साथ-साथ चुनाव में दिलचस्पी रखने वाले लोग भी अपने-अपने आंकड़े बता रहे है। एक से बढ़कर एक जीत हार के दावे प्रतिदावे कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ का विधानसभा चुनाव का परिणाम 3 दिसंबर को आना है। अब परिणाम को लेकर चर्चा और कयास लगने का दौर जारी है । चुनाव संपन्न होने के बाद जीत हार को लेकर दोनों दल के प्रत्याशी और कार्यकर्ता दावे कर रहे हैं । भिलाई में जीत हार को लेकर सटोरिया भी सक्रिय हैं । भिलाई शहर तीन विधानसभा क्षेत्र में बंटा हुआ है। विधानसभा के मतदान के बाद अब जीत हार के मायने तलाशने शुरू हो गए हैं। इसके साथ ही प्रत्याशियों पर भी भाव लगने लगे हैं । चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार व राजनीतिक दल अपनी-अपनी समर्थकों से क्षेत्रवार मतदान व वोटो के आंकड़े को जुटा चुके हैं । यहां तक पार्टी के वे कार्यकर्ता व नेता जिन लोगों ने चुनाव के वक्त विरोध में काम किया उनकी भी सूची तैयार की जा रही है। भिलाई के होटल, पान दुकान, सार्वजनिक चौक चौराहे ,चाय की टपोरियों में अब पार्टी कार्यकर्ता के साथ-साथ चुनाव में दिलचस्पी रखने वाले आमजन भी अपने-अपने आंकड़े बता रहे है। जीत हार की चकरी लग रहे हैं । जीत हार के दावों के बीच कई लोग शर्त भी लगा रहे हैं। एक और कांग्रेस समर्थन में जीत के आंकड़े गिना रहे हैं तो वहीं भाजपा के पक्ष में केंद्र सरकार की योजनाओं और मोदी फैक्टर के प्रति आश्वस्त दिख रहे हैं । जिले के दुर्ग ग्रामीण,पाटन, भिलाई, वैशाली नगर,दुर्ग शहर , अहिवारा आदि क्षेत्रों में सर्वाधिक कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि भिलाई के तीनों सीटों में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच होने से दोनों दल के समर्थक अपने-अपनी दलीलें दे रहे हैं। मतदान होने के बाद अब यही चर्चा चल रही है कि कौन हार रहा है और कौन जीत रहा है। दूसरे नंबर पर किसका दबदबा रहेगा। राज्य में किसकी सरकार बन रही है। किस पार्टी की बहुमत आने पर कौन मुख्यमंत्री का उम्मीदवार होगा, आदि बातों पर चर्चा हो रही है ।इस चुनाव में भी सटोरिए भी मोल भाव कर रहे हैं । लाखों रूपयों के दाम स्थानीय प्रत्याशियों पर लगाए हैं । यहां तक प्रदेश में किसकी सरकार आ रही है, इस पर भी बात चल रहा है ।शांतिपूर्ण संपन्न में चुनाव के बाद सभी के जुबान में हार जीत की समीक्षा का दौर चल रहा है वहीं राजनीतिक पंडित भी अपना गुणा भाग कर चुनाव का परिणाम निकाल रहे हैं । जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा, इस पर भी हर घंटे लोगों के विचार बदलते हैं। मतदाताओं की चुप्पी अब मुखर हो गई है । राजनीतिक दल भी सोचने पर मजबूर हो गए हैं कि परिणाम किस करवट बैठेगा। विधानसभा चुनाव में भारी मतदान से राजनीतिक गलियारों की चर्चाएं गर्म तो है ही, वही जोड़ घटाना करने वाले राजनीतिक पंडित भी सक्रिय है । हालांकि राजनीति का ऊंट किस करवट बैठेगा यह 3 दिसंबर को पता चलेगा लेकिन लोग चुनावी चर्चा का मजा जमकर ले रहे हैं। प्रदेश में 75 से अधिक प्रतिशत मतदान हुआ है । इस समीकरण को देखकर लोग असमंजस में भी हैं। दावे प्रति दावे के बीच दोनों राजनीतिक दल यह भी सोच रहे हैं की तीसरी विकल्प व निर्दलीय कितना वोट कट पाएंगे और उसका लाभ किस पार्टी को मिलेगा।
Related Posts
Add A Comment