दुर्ग ग्रामीण व भिलाई जिला कांग्रेस की प्रथम अध्यक्ष रही तुलसी साहु ने अंततः अपनी पीड़ा व्यक्त करते कांग्रेस को बाय बाय कर दिया।संगठन में पूरा उपयोग लेकर रिसाली निगम चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस ने उन्हे भिलाई जिला अध्यक्ष पद से हटा दिया था और विधानसभा के लिए उनकी प्रबल दावेदारी थी किंतु उन्होंने आरोप लगाया की उनके स्थान पर कांग्रेस ने अपने रिश्तेदार को टिकिट दे दी।उन्होंने कहा की काग्रेस में अब पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं का बोलबाला नही रहा 2018 में सरकार बनने के बाद से ही कांग्रेसी नेता चाटुकारों से घिर चुके है ।तुलसी साहु ने एक दिन पूर्व ही भिलाई से भाजपा प्रत्याशी प्रेमप्रकाश पांडे और जिला भाजपा अध्यक्ष बृजेश बिजपुरिया से मुलाकात की थी तब से उनके भाजपा प्रवेश के कयास लगाए जा रहे थे।अंततः कायासों पर विराम लगाते देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आज दुर्ग में सभा के दौरान तुलसी साहु की उनसे मुलाकात। करवाई गई और केसरिया दुपट्टा पहना उन्हे भाजपा में शामिल कर लिया गया।32 सालों से कांग्रेस के आंगन में खिली तुलसी अब भाजपा के आंगन को महकाएगी।*मंत्री ताम्रध्वज साहू पर भी लगाया भेदभाव का आरोप*कांग्रेस छोड़ भाजपा की हो चुकी तुलसी ने बताया की भिलाई जिला कांग्रेस अध्यक्ष रहते ,मंत्री ताम्रध्वज साहू संगठन में उन्हे अपने चापलूसों को शामिल करने दबाव बनाते रहे उनकी ना सुन पार्टी के समर्पित और ऊर्जावान साथियों को उन्होंने संगठन में अवसर दिया जिससे उन्हे चिढ़ हो गई और रिसाली निगम चुनाव में अपने मन मुताबिक टिकिट बांटने की इच्छा पूर्ति करने उन्होंने उन्हे भिलाई जिला कांग्रेस के अध्यक्ष पद से हटवा दिया था।उन्होंने रुंधे गले से यह बात कही की मैं भी साहु समाज से आती हूं किंतु समाज की होने के बाद भी उनका मेरे प्रति भेदभाव पूर्व रवैया रहा लेकिन पार्टी का सम्मान करते वो चुप रही किंतु आज स्वतंत्र हूं इसलिए अपनी पीड़ा व्यक्त कर रही हूं की समाज को भी ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत है जो समाज का उपयोग सिर्फ वोट बैंक के रूप में कर समाज के लोगों को आगे बढ़ाने में रोड़ा बनते हैं।
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