रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ की चर्चित सीट बिलासपुर विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर हैं, बिलासपुर के विकास में स्थानीय विधायक शैलेष पाण्डे की भूपेश सरकार से रार की वजह कई महत्वपूर्ण, आम सुविधा के कार्यों पर सरकार का फोकस नहीं रहा और बिलासपुर पिछड़ता चला गया। पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल की कहे तो अपने कार्यकाल में अनेक साजिशों के शिकार होकर 2018 के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। 2018 के चुनाव में आम जनता का ज्यादा गुस्सा नजर निगम के कार्यशैली पर था, जहां के अधिकारी, कर्मचारी, मंत्री रहे अमर अग्रवाल को अंधेरे में रखकर जनता की सुविधा को कागजों में दर्शाते रहे। बिलासपुर को मच्छर मुक्त करने सीवरेज परियोजना को उनके ही कार्यकर्ता पदाधिकारी पलीता लगाते रहे जिससे भी आम जनता कूपित थी।’’वर्तमान मंे हालात बदल गये हैं, जनता को अहसास हो रहा है कि जिस विधायक की अपनी पार्टी में ही मान-सम्मान नहीं उसे फिर से जीताकर क्या? फायदा हो सकता हैं हाॅ मोदी लहर में अप्रत्याशित परिणाम आ सकता हैं। विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि आम-आमदी पार्टी की डाॅ. उज्जवला कराडे और बसपा सपा, पार्टी के वोट जो मूलतः कांग्रेस के वोट होते हैं बट जायेंगे और भाजपा ¬प्रत्याशी अमर अग्रवाल के एक मुुश्त वोट बैंक को डिगा पाना असंभव है ऐसे में एक तरफा वोट पड़ सकता हैं।’’बिलासपुर विधानसभा चुनाव में स्थानीय दिग्गज कांग्रेसियों में अटल श्रीवास्तव, राघवेन्द्र सिंह और विजय केशरवानी जिले के कार्यकर्ताओं को अपने क्षेत्र में लगा रखे हैं, इससे भी कांगे्रेस कार्यकर्ताओं का अकाल पड़ा हैं, प्रचार-प्रसार में और यह भी कांग्रेस के पिछड़ने की वजह बन सकती हैं। दूसरी ओर बिलासपुर कांग्रेस कमेटी के दिग्गज नेताओं की मानसिकता बताती है कि वहे दिल से नहीं चाहते कि वर्तमान विधायक शैलेष पाण्डे को रिपीट किया जाये, क्योंकि, जिस प्रकार 15 वर्षों तक कांग्रेसियों ने संघर्ष किया था अचानक दूसरे प्रांत का आदमी आकर उनके अधिकार, हक पर डाका डाले यह कतई बरदास्त नहीं होगा।’’ज्ञात हो पूर्व में ऐसे कई मौके आये जब स्थानीय विधायक शैलेष पाण्डे को कांग्रेस कमेटी बिलासपुर द्वारा उन्हें स्मरण कराया गया कि अपनी हद में रहे। और एक मौका तो ऐसा भी आया जब पूरे कांग्रेसी कुनबे ने विधायक शैलेष पाण्डे के निस्कासन पर हस्ताक्षर करके पी.सी.सी. को भेज दिया था। ’’बिलासपुर के विकास की बातें कर तो विधायक शैलेष पाण्डे द्वारा अपने पांच साल के कार्यकाल में ऐसी कोई उपलब्धि पूर्ण कार्ययोजना को अमलीजामा नहीं पहना सके जिसकी प्रशंसा शहरवासी करे।’’बिलासपुर 2023 का चुनाव बदला-बदला माहौल बता रहा है कि त्रिकोणीय संघर्ष में बिलासपुर सीट पर अमर अग्रवाल के बढ़ते जनाधार से कांगे्रस के माथे पर शिकन ला रहा हैं। कुछ भी हो लेकिन 2023 के इस चुनाव में अमर अग्रवाल की बढ़त चर्चा का विषय बना हुआ है।
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