भाजपा ने छत्तीसगढ़ की जनता का हक राजभवन में रोकवाया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि आदिवासी समाज सहित छत्तीसगढ़ की सर्व समाज का अधिकार भारतीय जनता पार्टी के षड़यंत्रों के कारण राजभवन में 10 महिनों से रूका हुआ है। कांग्रेस की सरकार ने प्रदेश के सभी समाजों के लिये उनकी आबादी के अनुपात में आरक्षण का विधेयक विधानसभा में पारित करवा कर राजभवन भेजा था लेकिन भाजपा राजभवन में हस्ताक्षर नहीं होने दे रही।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि आरक्षण संशोधन विधेयक राजभवन में 10 महिनों से अटका हुआ है। अभी तक राजभवन ने इस पर हस्ताक्षर नहीं किया है। प्रदेश में चुनावी दौरे पर भाजपा के बड़े-बड़े नेता आ रहे प्रधानमंत्री, भाजपा अध्यक्ष से लेकर केंद्रीय मंत्री तक आ रहे लेकिन राजभवन में रूके आरक्षण बिल पर सब मौन है। भाजपा के कारण आरक्षण बिल राजभवन में रुका हुआ है। भाजपा के आरक्षण विरोधी रवैये को कांग्रेस जनता के बीच लेकर जायेगी। भाजपा आरक्षित वर्ग के गरीबों के हितों में बाधक बनी हुई है। आरक्षण संशोधन विधेयक में आदिवासी समाज के लिये 32 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था है। आरक्षण विधेयक राजभवन में रुका है तो इसका खामियाजा आदिवासी समाज को सबसे ज्यादा हो रहा।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि कांग्रेस ने सर्व समाज को आरक्षण देने अपना काम पूरी ईमानदारी से करके सभी वर्गो के लिये आरक्षण का प्रावधान किया है। अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति को उनकी जनगणना के आधार पर तथा पिछड़ा वर्ग को क्वांटी फायबल डाटा आयोग की रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण का प्रावधान किया। इस विधेयक में अनुसूचित जनजाति के लिये 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति के लिये 13 प्रतिशत तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के लिये 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों को भी 4 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। 76 प्रतिशत का आरक्षण सभी वर्गों की आबादी के अनुसार निर्णय लिया है। यह विधेयक यदि कानून का रूप लेगा तो हर वर्ग के लोग संतुष्ट होंगे। सभी वंचित वर्ग के लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने सामाजिक न्याय को लागू करने यह विधेयक बनाया गया है। इस विधेयक को विधानसभा ने सर्वसम्मति से पारित किया है इसको रोकना जनमत का अपमान है। चुनाव में सर्वसमाज के लोग भाजपा से अपने आरक्षण को रोकने का हिसाब लेंगे।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि जो आरक्षण विधेयक राजभवन में अटका हुआ है उसके लिए पूर्ण रूप से जिम्मेदार अमित शाह हैं। राज्यपाल, केंद्रीय गृह मंत्री के निर्देशन में ही काम करते हैं और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे दुर्भावनावश इसलिए रोक कर रखा है ताकि आरक्षण का लाभ प्रदेश की जनता को ना मिल सके और राजनैतिक लाभ भूपेश सरकार को ना मिल सके। भाजपा को यह डर सता रहा है कि यदि भूपेश सरकार में 76 प्रतिशत आरक्षण लागू कर दिया तो ओबीसी, एसटी, एससी और ईडब्ल्यूएस को आरक्षण का अधिकार मिल जाएगा और उसके बाद भाजपा चुनाव में 14 सीट बचाने की स्थिति में भी नहीं रहेगी। विधानसभा में सर्वसम्मति से पास हो चुके आरक्षण विधेयक को राजभवन में निरुद्ध करवाकर शाह छत्तीसगढ़ के सर्वसमाज का हित बाधित कर रहे है। शाह बिल्कुल भी नहीं चाहते कि प्रदेश के बेरोजगार युवाओं और जनता को उनका अधिकार मिले। भाजपा और शाह छत्तीसगढ़ के युवाओं को उनके अधिकारों से वंचित और दर-दर भटकते देखना चाहते हैं। भाजपा का आरक्षण विरोधी चरित्र कांग्रेस चुनावी मुद्दा बनायेगी
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