छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग में प्रस्तुत द्वितीय अपील की प्रथम सुनवाई 26 सितंबर 2024 से व्यथित होकर गौतमी रामटेक ने इन पर्सन माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर के समक्ष रिट याचिका प्रस्तुत की जिस पर माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर ने सुनवाई करते हुए अपीलकर्ता गौतमी रामटेके द्वारा प्रस्तुत द्वितीय अपील को चार माह के भीतर निराकृत करने का निर्देश छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग को दिया ।बता दे की गौतमी रामटेके गुरु घसीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर बीकॉम एलएलबी पांचवें सेमेस्टर की विद्यार्थी है और उन्होंने निम्न न्यायालय और उच्च न्यायालय में इंटर्नशिप किया है ।गौतमी रामटेके के पिता श्री लव कुमार रामटेके वह माता श्रीमती दीपा रामटेके दोनों ही हाईकोर्ट अधिवक्ता है इसी राह पर गौतमी ने भी कदम आगे बढ़ाया है और स्वयं भारतीय संविधान के तहत प्राप्त अधिकारों का उपयोग करते हुए सूचना के अधिकार के तहत प्रथम आवेदन तहसीलदार राजनांदगांव से जानकारी प्राप्ति हेतु लगाया था जन सूचना अधिकारी द्वारा जानकारी नहीं देने पर प्रथम अपील अनुविभागीय अधिकारी राजनांदगांव को लगाया किंतु प्रथम अपीलीय अधिकारी ने भी जन सूचना अधिकारी का ही पक्ष लेते हुए जानकारी देने से इनकार कर दिया जिससे व्यथित होकर गौतमी ने द्वितीय अपील राज्य सूचना आयोग के समक्ष अगस्त 2023 में प्रस्तुत किया जिस पर राज्य सूचना आयोग ने प्रकरण दर्ज करते हुए द्वितीय अपील की प्रथम सुनवाई 13 माह बाद अर्थात 26 नवंबर 2024 को निर्धारित की जिससे व्यथित होकर गौतमी ने अपने प्रकरण की स्वयं सुनवाई माननीय उच्च न्यायालय में रिट याचिका प्रस्तुत कर कराई ।गौतमी रामटेके ने प्रकरण में स्वयं बहस कर कोर्ट को अवगत कराया कि सूचना के अधिकार के तहत जानकारी 30 दिनों में व अपील होने में अधिकतम 45 दिनों में निराकरण किये जाने का नियम है । साथ ही कोर्ट को अवगत कराया कि सूचना के अधिकार के तहत जानकारी विलंब से मिलने से चाही गई जानकारी का कोई औचित्य ही रह जायेगा । राज्य सूचना आयोग की ओर से तर्क दिया गया कि प्रति दिन 70 प्रकरण लगते है जिससे सुनवाई में विलंब होता है. माननीय न्यायमूर्ति ने 4 माह में प्रकरण का निराकरण करने का निर्देश दिया है।