विधानभा में प्रत्याशीयों की घोषणा के बाद अनेक स्थानों पर कांग्रेसियों में असंतोष देखने को मिल रहा है. बाहरी प्रत्याशी को बदलने की मांग को लेकर मलपुरी में विधानसभा के ग्रामीण कार्यकर्ताओं की मीटिंग हुई. यहां 250 से अधिक कार्यकर्ता और पदाधिकारी उपस्थित हुए. उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस पार्टी उम्मीदवार बदलकर स्थानीय नेता को मौका नहीं देती है तो वे संगठन के पदों से अपना इस्तीफा सौंप देंगे. मिली जानकारी के अनुसार राजनांदगांव प्रत्याशी गिरीश देवांगन का नाम फाइनल होते ही ग्रामीण संगठन के नेताओं में नाराजगी दिखने लगी है।जो सोमवार को खुलकर सामने भी आ गई. बताया गया कि ग्राम मलपुरी में बूथ, सेक्टर और जोन और दूसरे विंग के पदाधिकारी भी मौजूद रहे. जिन्होंने इस्तीफा देने की बात कही. जिले में प्रत्याशी को लेकर चौतरफा विरोध ‘देखने को मिल रहा है, जो कांग्रेस के लिए सिरदर्द साबित हो रहा है. मलपुरी पहुंचे कांग्रेसियों से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सिर्फ स्थानीय नेता को प्राथमिकता देने की बात कर रहे हैं. बाहरी नेता को प्रत्याशी नहीं बनाया चाहिए.ग्रामीणों ने कहा कि किसी भी स्थानीय नेता को राजनांदगांव विधानसभा से मौका मिलना चाहिए. बताया गया कि देर शाम संगठन के नेता भी गामीणों से मिलने पहुंचे. लेकिन ग्रामीणों ने प्रत्याशी बदलने अथवा इस्तीफा की पेशकश की.छुरिया विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने अपनी पहली सूची जारी की है. सूची में कांग्रेस ने खुज्जी विधानसभा से वतर्मान विधायक श्रीमती छन्नी चंदू साहू का टिकट काटकर पूर्व विधायक भोलाराम साहू को अपना प्रत्याशी घोषित किया हैजिससे छन्नी साहू के समथकों में गहरी नाराजगी देखी जा रही है आज सोमवार को कांग्रेस विधायक निवास पैरीटोला में बड़ी संख्या में उनके समर्थक एवं कांग्रेस के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता पहुंचकर टिकट वितरण को लेकर जमकर अपनी भड़ास निकालते हुए एक स्वर में कहा कि बाहरी प्रत्याशी को खुज्जी विधानसभा में कांग्रेस का प्रत्याशी बनाया गया है, जो न्यायसंगत नहीं है. बड़ी संख्या में उपस्थित समथकों ने कहा कि विधायक श्रीमती छन्नी चंदू साहू के पांच साल के कायर्काल में कोरोना काल सहित सुख-दुख और विकास में उनकी सहभागिता थी.कांग्रेस संगठन की गंगा यात्रा, हाथ जोड़ो यात्रा एवं राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को लोगों तक जन चौपाल के माध्यम से पहुंचाने में उनकी सक्रियता रही है, ऐसे में कांग्रेस पार्टी द्वारा श्रीमती साहू की टिकट काटने से कायकर्ताओं में मायूसी है काफी देर तक उनके निवास पर समथर्को ने प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के संगठन स्तर के नेताओं के पास पहुंचकर खुज्जी विधानसभा में पुनः विचार करने की भी बात रखी गई?पूर्व विधायक का काम नहीं करने की बात कार्यक्रताओं ने कही। कांग्रेस ने बस्तर संभाग के भी चार विधायक का टिकट काटा है। हालांकि दंतेवाड़ा में विधायक देवती कर्मा के बेटे छविन्द्र कर्मा को टिकट दिया गया है। इसके आलावा अन्य सीटों पर दूसरे को टिकट मिला है, इससे सिटिंग विधायकों के समर्थकों में काफी नाराजगी दिख रही है। वहीं जगदलपुर विधानसभा क्षेत्र में भी कांग्रेस की ओर से बगावत के आसार दिख रहे हैं। कांग्रेसी नेता टीवी रवि ने नामांकन फार्म भी खरीद लिया है।उल्लेखनीय है कि इस बार प्रत्याशी घोषणा करने में भाजपा ने बाजी मार ली थी, और बगावत जैसे हालात भी नहीं बने। हालांकि शुरुआत में कुछ नेताओं ने दावेदारी करते हुए टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात जरूर कही थी, पर टिकट वितरण के बाद सभी पार्टी के लिए काम करते दिख रहे हैं। हालांकि पूर्व विधायक संतोष बाफना ने जगदलपुर विधानसभा क्षेत्र में काम नहीं करने की बात कहते हुए पारिवारिक कारणों से जगदलपुर से बाहर जाना बताया है। वहीं कांग्रेस की बात करें तो जगदलपुर व चित्रकोट विधानसभा क्षेत्र में बगावत के सुर उठ रहे हैं। टिकट कटने से विधायक राजमन भी काफी नाराज चल रहे हैं। हालांकि नामांकन दाखिला और नाम वापसी के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पायेगी।
वर्तमान विधायकों के टिकिट कटने से अनेक स्थानों पर कांग्रेसीयों में नाराजगी,इस्तिफा देने की बात कही..राजनांदगांव से भी बाहरी बताकर मुख्यमंत्री के करीबी गिरीश देवांगन का विरोध।
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