विधानसभा पीडब्ल्यूडी मंत्री ताम्रध्वज साहू का निर्वाचन क्षेत्र का रिसाली हनोदा मार्ग हादसों की सड़क के नाम से जानी जाने लगी है इस सड़क ने कुछ ही महीनों में दो लोगों की जान ले ली और यह सब हुवा पीडब्ल्यूडी साहब के मौन रहने और विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से ।घटना की जानकारी देते शैलेंद्र देशमुख ने बताया की सड़कें बनने के बाद ,सड़क के दोनो ओर नाली अथवा क्या पाइप लाइन डालने का कार्य चल रहा है जिसके चलते रिसाली से हनोदा मार्ग जानलेवा साबित हो रहा है ।इसी वर्ष छह माह पूर्व ही विवाह बंधन में बंधे धनोरा निवासी रजत देशमुख पिता घनाराम देशमुख की मार्ग में पड़ी गिट्टी के चलते साइड काटते पिकअप की चपेट में आने से मृत्यु हो गई थी ।ऐसी ही एक घटना और होने की जानकारी देते हुवे उन्होंने इसमें भी दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति के मौत की जानकारी उन्होंने दी । ऐसी ही दो दुर्घटना बीती रात हुई जिसमे एपीएस स्कूल के पास धनोरा हनोदा मार्ग पर बीच सड़क पर गिट्टी होने और सामने से वाहन आने दिखाई नही देने और गिट्टी पर गाड़ी चढ़ जाने के कारण आलबरस निवासी नारायण डहरे के बुरी तरीके से घायल होने और बहुत ज्यादा रक्त बहने की जानकारी मिली है ।साथ ही बीती रात्रि ही इसी मार्ग पर रिसाली रेलवे क्रासिंग के पास एक अन्य अज्ञात व्यक्ति के बुरी तरह दुर्घटना ग्रस्त होने के कारण घायल होने के समाचार है ।ऐसी अनेक छोटी बड़ी घटनाओं की जानकारी देते हुवे बताया की यह मार्ग विगत कुछ महीनों से जानलेवा हो गया है ना जाने सड़क बनने के बाद सड़क किनारे खुदाई कर पीडब्ल्यूडी विभाग क्या कार्य कर रहा है जो रात में धुंध अंधेरे वाली इस सड़क के बीच गिट्टियां डालकर छोड़ दी जाती है और लोगों को मरने उसे यूं ही छोड़ दिया जाता है जबकि सड़क पूर्णता के पहले सड़क के दोनो ओर नाली अथवा पाइप लाईन का जो भी कार्य है उसे पूर्ण कर लिया जाना चाहिए किंतु पीडब्ल्यूडी विभाग लगता है मंदबुद्धि लोगों के हाथों में है जो सड़क बनने के बाद दोनो किनारे नाली अथवा अन्य कार्य करवाती है और इस कार्य के लिए मैटेरियल बीच सड़क में डालकर छोड़ दिया जाता है जिसके कारण आए दिन दुर्घटनाएं होना आम बात हो चली है ।किंतु बावजूद इसके इस क्षेत्र के विधायक और पीडब्ल्यूडी विभाग के ही मंत्री साहब है की मौन धारण किए रहते है और जिसके चलते उनके मातहत पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी भी मनमानी करने और लोगों की जान लेने पर उतारू हैं जिन पर मंत्री जी का बिल्कुल भी पूरे पांच साल कोई कंट्रोल नही रहा है। अब चूंकि चुनाव आ चुके है और आचार संहिता लग चुकी है किंतु पूर्व स्वीकृत कार्य हो रहे है किंतु मंत्री जी आचार संहिता के चलते अपनी इस गलतियों से भाग और बच नही सकते है क्योंकि यह सब उनका ही बोया है जिसे उनके ही क्षेत्र की जनता अपनी जान देकर काट रही है और मंत्री जी है की वापस मुझे कुर्सी दे दो की चाह लिए क्षेत्र में चुनाव प्रचार में लग चुके हैं किंतु क्षेत्र की जनता उनसे जानना चाहती है की पीडब्ल्यूडी साहब आखिर कब तक और कितनों की जान लेंगे??
दुर्ग ग्रामीण के रिसाली हनोदा मार्ग पर हो रहे हादसों ने दो की जान ली,यह कैसा विकास की सड़कें बन जाने के बाद बीच सड़क विभाग डाल रहा गिट्टी।रात में अंधेरा,कोई संकेतक नही शायद अधिकारी और नेता दलाली में मस्त।
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