उच्चतम न्यायालय के द्वारा पहले से ही रात्रि 10:00 बजे से लेकर प्रात 6:00 बजे तक के लिए ध्वनि विस्तार के यंत्रों का प्रयोग हमेशा के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। फिर चुनाव आचार संहिता लगते ही अधिकारियों द्वारा इस तरह आदेश जारी करना की रात्रि में ध्वनि विस्तारक को प्रतिबंधित कर दिया गया है। कोई नवीन आदेश प्रतित नही होता है ।निर्वाचन आयोग छत्तीसगढ़ में पूर्व से न्यायालय द्वारा आदेशित नियम को पुनः बताकर आखिर सिद्ध करना चाहते हैं क्या छत्तीसगढ़ की जनता पढ़ी-लिखी नहीं है या उन्हें गुमराह युक्त बयान देकर दबाया जा सकता है ।छत्तीसगढ़ की जनता निर्वाचन आयोग से मांग करती है कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के उपरांत और अलग से बयान देकर आम जनता को गुमराह न करें अपितु रात्रि 10:00 बजे के बाद ध्वनि विस्तार यंत्र डीजे के उपयोग ना हो इसका कड़ाई से पालन करें। प्राप्त जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में इस संबंध में एक याचिका दाखिल की गई है जिसके अनुसार माननीय उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के द्वारा छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव से एफिडेविट शपथ पत्र लेकर इस बारे में छत्तीसगढ़ मे कहीं पर भी उल्लंघन ना हो इसके लिए आदेशित किया है फिर भी छत्तीसगढ़ में बहुतायत जगहों पर रात्रि 10:00 बजे के बाद डीजे का प्रयोग ध्वनि विस्तारक कान फोड़ू ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग आज भी खुलेआम जारी है..पुलिस द्वारा ऐसे लोगो को सुरक्षा भी प्रदान करना आम बात हो गई है।..छत्तीसगढ़ के अधिकारियों के द्वारा इस बाबत प्रचार प्रसार नही किया जाता कि दिन के समय भी बगैर अनुमति के ध्वनि विस्तारक यंत्रो का प्रयोग नही करना है..सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ मे कमोबेश पोंगा का उपयोग खुलेआम बगैर अनुमति से होता आ रहा है..डी जे के प्रयोग से कमजोर,वृद्ध,गंभीर बीमारी वाले व्यक्ति को कितनी तकलीफ होती है…कान का पर्दा फट जाये इतनी तेज आवाज़ निकलती है,लोग भैरापन का शिकार हो रहे है…अधिकाश डीजे बजाने वालों के पास कोई अधिकृत अनुमति( स्थानीय प्रशासन से उपयोग संबंधी, वाहनों के उपयोग संबंधी,) नही होती। जबकि प्रत्येक छोटे मोटे कारोबार के लिये अनुमति लेना अनिवार्य किया गया है..चुनाव के वक्त छतीसगढ़ के अधिकारियों के द्वारा गुमराह युक्त बयान छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव के मध्य निर्वाचन पदाधिकारी एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों के द्वारा मीडिया के माध्यम से बार-बार यह प्रसारित किया जा रहा है कि रात्रि 10:00 बजे के बाद से लेकर प्रात 6:00 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा। जो पूर्ण तया न्यायालय के आदेश पर पूर्व से ही प्रतिबंधित है ।अधिकारियों द्वारा गलत,अस्पष्ट,अधूरी जानकारी के चलते कानफोडू डीजे और माईक बजाने वालों के हौसले बुलंद होते जा रहे है,प्रशासन यदि न्यायालय के आदेश का ईमानदारी और कड़ाई से पालन करवाने की मंशा रखता है तो पालन करवाए अन्यथा बाद में इन्हे सम्हालना,रोक पाना मुश्किल ही नही नामुमकिन हो जाएगा
रात्रि 10 से सुबह 06 तक ध्वनि विस्तारकों पर रोक पूर्व से ही न्यायालय द्वारा आदेशित, चुनाव आचार संहिता पर इसका पालन करवाने वाले अधिकारी, न्यायालय के आदेश के परिपालन में साल भर ईमानदार रहे ? अध्यनरत बच्चों ,बुजुर्गों और बीमारों को होने वाली परेशानीयों को दूर करने भी प्रशासन रहे मुस्तैद।
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