दुर्ग शहर विधानसभा से गजेंद्र यादव को भाजपा प्रत्याशी बनाए जाने के बाद कई कांग्रेस नेता विधायक अरुण वोरा को वाकओवर मिलने का दावा कर रहे थे। लेकिन, अब समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। कांग्रेस के कई असंतुष्ट नेता खुलकर वोरा को हराने के लिए खुलाघात करने ताल ठोंक रहे हैं। गजेंद्र के पक्ष में ओबीसी वर्ग की लामबंदी की बातें भी सामने आ रही हैं।साथ ही सवर्ण भी उनके साथ उतनी दमदारी से अरुण वोरा के पक्ष में नजर नहीं आ रहे हैं ,बाबूजी मोतीलाल जी वोरा के रहते और आज की परिस्थितियों में जमीन आसमान का फर्क नजर आने लगा है ।जिस मेहनत और अपनत्व से मोतीलाल जी वोरा ने दुर्ग में अपनी राजनीतिक व व्यवहारिक किला खड़ा किया था उसे सहेजने में अरुण वोरा नाकाम साबित हुवे है । अब यह कहा जा रहा है कि दुर्ग में कांग्रेस का खेल कहीं खत्म तो नहीं हो जाएगा। दुर्ग में चुनाव में कांग्रेस को वाकओवर मिलेगा या वोरा का गेम ओवर हो जाएगा ?पहली बार ऐसा हुआ है जब दुर्ग में वोरा के खिलाफ 26 लोगों ने टिकट के लिए दावा किया है। इतनी बड़ी तादाद में दावेदारी करने से साफ है कि वोरा को भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। दावेदारों को अब यह भी पता हो चुका है कि वोरा को टिकट मिलना तय है। लिहाजा कई दावेदार अब खुलकर वोरा को हराने की धमकी दे रहे हैं। कई दावेदारों ने खुलाघात करने की बजाय ढंके-छुपे अंदाज में कहना शुरू कर दिया है – इस बार निपटा देंगे।विधायक वोरा की एकला चलो की नीति और पार्टी के वरिष्ठ व समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ताओं की उपेक्षा, विकास कार्य या निजी कार्य के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं और आम जनता को बार-बार चक्कर कटवाने पर मजबूर करने के कारण बड़ी तादाद में कांग्रेसियों के साथ ही आम लोग नाराज हैं। एक बड़ा आरोप यह भी है कि वोरा ने ब्राम्हणवाद को ही बढ़ावा दिया है। अरुण वोरा के दोनों पुत्रों की नगर निगम में दखलंदाजी को लेकर भी ज्यादातर कांग्रेस पार्षद नाराज हैं। पिछले चुनाव की तुलना में लोग वोरा से लगातार कट रहे हैं। कार्यकर्ता अलग-अलग खेमों में बंट रहे हैं।वोरा ने खुद के लिए सबसे ज्यादा मुश्किलें पैदा की हैं गुरुवार को भी वोरा ने खुद के लिए एक नई मुश्किल पैदा कर ली। जिला निर्वाचन अधिकारी को यह शिकायत मिली है कि चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद वोरा ने सरकारी जेआरडी स्कूल में जाकर 15-16 साल के स्कूली बच्चों से कहा कि – अपने पैरेंट्स से वोट देने के लिए कहना। चुनाव जीतने के बाद स्कूल का नया भवन बनवा दूंगा।वोरा के इस बयान को लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने जांच के आदेश दे दिये हैं। वोरा को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने कहा गया है।बड़ा सवाल ये है कि खुद को प्रदेश का सबसे सक्रिय विधायक प्रचारित करने वाले वोरा को छोटे बच्चों से यह कहने की जरूरत क्यों पड़ी ?क्या वोरा का आत्मविश्वास इतना डिगा हुआ है कि उन्हें चुनाव जीतने के लिए छोटे स्कूली बच्चों का सहारा लेना पड़ रहा है?वोरा ने सभी 60 वार्डों में घूम-घूम कर विकास कार्य मंजूर करने की घोषणा की, लेकिन उसके लिए राशि की व्यवस्था नहीं की। विकास कार्य नहीं कराए। वाहवाही बटोरने के लिए बेहिसाब घोषणा करने के कारण भी आम जनता में वोरा की किरकिरी हो रही है। लोग झूठी घोषणाओं और झूठे वादों से खफा हैं। और अरुण वोरा की इन सभी हरकतों को वरिष्ठ नेता मदन जैन ने खुलकर मिडिया के सामने रखा है यहां तक कह दिया की जितनी राशि नही उससे कई गुणा घोषणा कर देते है और काम होता नही साथ ही यह भी कहा की उन्हे अखबारों में छपने का रोग है ।दुर्ग में पिछले चुनाव में कांग्रेस की कमान संभालने वाले एक प्रमुख नेता का कहना है कि – मतदान समाप्त होने तक पूरी ताकत झोंकना होगा। जरा सी चूक की तो वाकओवर मिलने की बजाय इस बार के चुनाव में दुर्ग में कांग्रेस का गेम ओवर हो जाएगा। दरअसल, गजेंद्र के लिए भाजपा की टीम मजबूती से विजय अभियान में जुट रही है। कांग्रेस में उपजे असंतोष और नाराजगी को दूर करने की दिशा में कोई प्रयास नहीं हो रहा है। अगर समय रहते वोरा नहीं चेते तो गेम ओवर ही होगा …यह तय है।
दुर्ग शहर विधानसभा में पिछड़ा वर्ग के साथ साथ सवर्ण भी हो रहे गजेंद्र यादव के लिए लामबंद,अनेक कांग्रेसी ही अरुण वोरा का गेम ओवर करने की तैयारी में टिकट अभी मिली नहीं, चुनाव आयोग ने अरूण वोरा को थमा दिया नोटिस, स्कूलों में जाकर बच्चों से कह रहे घर पर मुझे वोट देने कहना ,स्कूल बनवा दूंगा।
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