दुर्ग शहर विधानसभा सीट पर भाजपा को प्रत्याशी तय करने में पसीने छूट रहे हैं? भाजपा के स्थानीय नेता और कार्यकर्ता समझ ही नहीं पा रहे हैं कि टिकट किसकी तय होगी। लगभग मानकर चला जा रहा है कि दुर्ग शहर सीट पर वर्तमान विधायक अरुण वोरा ही कांग्रेस के उम्मीदवार होंगे। यह चुनाव अरुण वोरा के लिए कैसा होगा, यह भाजपा प्रत्याशी कौन होगा, इस पर निर्भर करता है । यदि भाजपा ने मजबूत प्रत्याशी नहीं उतारा ,तो अरुण वोरा की राह ज्यादा आसान हो जाएगी। अभी भी दुर्ग सीट पर भाजपा से मजबूत प्रत्याशी का चेहरा नहीं दिखता है जो विधायक अरुण वोरा को कड़ी टक्कर दे सके।पिछले 10 सालों से अरुण वोरा दुर्ग शहर के विधायक हैं। दुर्ग शहर सीट दुर्ग नगर निगम के क्षेत्र तक ही फैला है। इसलिए दुर्ग नगर निगम क्षेत्र के मतदाता शहर सरकार एवं प्रदेश सरकार से प्रसन्न है या नही, यह चुनाव परिणाम ही बताएगा । दुर्ग में कांग्रेस की शहरी सरकार है तो प्रदेश में भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मजबूत सरकार है।पिछले 5 सालों में दुर्ग का इंफ्रास्ट्रक्चर बड़े शहर के तौर पर खड़ी करने की कोशिश की गई है । यद्यपि अरुण बोरा पिछले 10 साल से विधायक है किंतु बीते 5 सालों में शहर के विकास की वांछित सफलता उन्हें मिली है। इसके बावजूद यह भी सच है कि शहर की जनता उनकी विकास कार्यों से पूर्ण संतुष्ट नही है । जिन कार्यों को 2 साल पहले हो जाने चाहिए थे, वह अभी हो रहे हैं। ठगड़ाबांध सौंदर्यीकरण का 4 अक्टूबर को विधायक अरुण वोरा लोकार्पण करने जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि 6 अक्टूबर को राज्य में चुनाव के लिए आचार संहिता लग सकती है । शायद इसी बात को केंद्र में रखकर अरुण वोरा ठगड़ा बांध के कार्य को जल्दी पूरा करा रहे है। बहरहाल, दुर्ग सीट पर कांग्रेस ने उम्मीदवारी अभी तक तय नहीं की है। कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक एक अक्टूबर को रायपुर में होगी। कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में 90 विधानसभा सीटों के लिए उम्मीदवार तय किए जाएंगे।दुर्ग शहर से अरूण वोरा की टिकिट भी लगभग तय है अब असमंजस की स्थिति भाजपा में है जो अब तक अस्पष्ट है की भाजपा किस चेहरे को अरुण वोरा के सामने उतारेगी जो उन्हे टक्कर दे सके।