पंडित प्रदीप शर्मा की शिव पुराण कथा में आगमन के साथ ही पिछले एक-दो सालों में छत्तीसगढ़ के गांव गांव व शहर में भी भगवान शिव की मूर्ति व मंदिर बनाने की होड़ सी चल पड़ी है । ऐसा नहीं है की हमारे छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में महादेव के मंदिर पूर्व से निर्मित नहीं हो। हर गांव में एक न एक मंदिर बहुत पुराने समय से बने हुए हैं । दुर्ग ब्लॉक के ग्राम रिसामा के एक व्यक्ति ने बताया कि उनके गांव में अभी चार से अधिक महादेव के छोटे बड़े मंदिर हैं। इसके बावजूद महिलाएं मिलकर फिर से नई मंदिर बनवाने का उद्यम कर रही है । चंदा एवं आपसी सहयोग से मंदिर बनाया जा रहा है। जबकि गांव में पहले से स्थित शिवालियों की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। जो मंदिर गांव में पहले से बने हुए हैं, उनका ही रखरखाव और पूजन आदि ठीक ढंग से नहीं किया जा पा रहा है। पुराने मंदिरों में अच्छी पूजा व्यवस्था और उनके रखरखाव पर ध्यान देने के बजाय लोग नए मंदिर बनाने पर बल दे रहे हैं।दुर्ग जिले के ही एक गांव में वहां का एक व्यक्ति अपने खर्चे पर शिव मंदिर का निर्माण करवा रहा है। वह पंडित प्रदीप मिश्रा का अनन्य भक्त है । अपनी ही जमीन पर खुशी-खुशी मंदिर का निर्माण करवा रहा है। उसने कुछ लोगों को बताया कि उनके सपने में एक प्रेरणा आया, इसलिए वह शिवालय का निर्माण करवा रहे हैं। इसी घटना पर एक भिलाई के एक युवक ने अपनी फेसबुक वाल पर लिखा है, कि पता नहीं लोगों के सपने में भगवान आकर मंदिर बनाने ही क्यों कहते हैं, वह अस्पताल स्कूल या अन्य इसी तरह के जगह बनाने की प्रेरणा क्यों नहीं देते।बहरहाल, दुर्ग संभाग के ग्रामीण क्षेत्रों में पंडित प्रदीप मिश्रा की कथाओं के चलते शिव भक्ति अप्रतिम ऊंचाई पर है । शिव मंदिरों के दिन अच्छे होने लगे हैं । नए शिव मंदिरों का निर्माण हो रहे है । यह सब घटनाएं एक-दो सालों में हुई है । जब से पंडित प्रदीप मिश्रा शिवपुरी सीहोर वाले की कथा आरंभ हुई तब से।नगरीय व छत्तीसगढ़ के बड़े शहर माने जाने वाले क्षेत्रों में भी शिव भक्ति की सागर उमड़ पड़ी है। भगवान शिव की पूजा अर्चना में जबरदस्त इजाफा हुआ है। पूजा अर्चना के लिए बेल पत्रों की जरूरत के चलते बेल के पेड़ वीरान हो रहे हैं। बेल पत्रों को लोग सुबह-सुबह ही तोड़ लेते हैं। बताते चलें की पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में पंडित प्रदीप मिश्रा की बड़ी संख्या में भक्तजन हैं। उत्तर छत्तीसगढ़ और मध्य छत्तीसगढ़ में पंडित प्रदीप मिश्रा कई बार अपनी कथा का आयोजन कर चुके हैं। बस्तर क्षेत्र के कांकेर तक पंडित मिश्रा के भक्त निवास करते हैं। आने वाले दिनों में वे फिर से छत्तीसगढ़ आने वाले हैं । दुर्ग जिले में उनकी कथा का आयोजन एक गांव में रखा
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