दुर्ग निगम के पूर्व महापौर एवं उपाध्यक्ष (राज्यमंत्री दर्जा) आर.एन.वर्मा ने कहा है कि प्रधान मंत्री मोदी जी द्वारा आनंन फानंन में संसद का विशेष सत्र बुलाकर लाया गया महिला आरक्षण बिल आगामी विधानसभा एवं लोकसभा के चुनाव में राजनैतिक लाभ लेने की नियत से सोची समझी चाल के तहत् लाया गया है जो दूर दूर तक निष्प्रभावी बिल है और एक बड़ा नया चुनावी जुमला है, जिसका लाभ महिलाओं को मिलने वाला नहीं हैं। आर. एन. वर्मा ने आगे कहा है कि देश में जब भी कोई चुनाव आता हैं हमारे देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जनता को गुमराह करने का काम करते हैं उसी कड़ी में इस देश की महिलाओं को ठगने के लिए यह महिला आरक्षण बिल लाया गया हैं यह बात इसी से स्पष्ट हो जाता हैं कि महिलाओं को चुनाव में आरक्षण का लाभ 2024 के चुनाव में मिलने वाला नहीं हैं और इस संबंध में देश का गृह मंत्री अमित शाह ने यह स्पष्ट कर दिया हैं कि 2029 तक महिलाओं को आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकता हैं, इसका अर्थ यह हैं कि 2029 के बाद भी इस बिल का लाभ मिलना असंभव है क्योंकि 2021 में मोदी जी ने जनगणना नहीं कराया और आगामी जनगणना कब कराएंगे इसको भी मोदी जी नहीं बता रहे हैं और आगे यह भी स्पष्ट है कि आगामी जनगणना होने के बाद ही चुनाव क्षेत्र पुनर्निर्धारण होगा तब जाकर महिला आरक्षण बिल लागू होगा अर्थात् मोदी जी अंधेरे में महिला आरक्षण बिल के नाम से ऐसा तिर चला दिए है जो लक्ष्य तक पहुंचने वाला ही नहीं हैं अर्थात् बिल महिलाओं के साथ एक बहुत बड़ी छलावा हैं।आर. एन. वर्मा ने आगे कहा है कि महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण का लाभ कांग्रेस ने दिया हैं जिसके लिए 1989 में पंचायतों एवं नगर पालिकाओ में संविधान संशोधन बिल लाकर पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी द्वारा पेश किया गया जिसे 1993 में प्रधान मंत्री नरसिम्हा राव ने संविधान संशोधन बिल लाकर पास कराया जिसका लाभ आज देश की 15 लाख से अधिक महिलाओं को निर्वाचित जनप्रतिनिधि होने के रूप में प्राप्त हो रहा हैं उसी प्रकार 2010 में कांग्रेस शासन काल में प्रधान मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा विधानसभाओं एवं संसद में एक तिहाई आरक्षण देने के लिए बिल लाया गया था जो राज्यसभा में पारित किया जा चुका हैं। वैसे ही प्रधान मंत्री मोदी जी की नियत साफ होती तो लोकसभा में लाकर पास करने की जरूरत थी मगर महिला विरोधी मानसिकता के तहत् मोदी जी द्वारा एक ऐसा बिल लाया गया हैं जिसका लाभ देश की आधी आबादी को कई वर्षो बाद भी मिल पायेगा यह अनिश्चय के गर्भ में हैं जिसे महिला शक्तियों को समझने की जरूरत है।
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