प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता मणी वैष्णव ने कहा कि हर बार होने वाली सफलतापूर्वक धान खरीदी से भाजपा बुरी तरह घबराई हुई है और पुनः हर बार की तरह नए तरीकों से धान खरीदी में व्यवधान डालने का ब्लूप्रिंट तैयार कर रही है। भूपेश सरकार ने जैसे ही 20 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से धान खरीदी की घोषणा की भयभीत होकर छत्तीसगढ़ भाजपा के दरबारी भाजपा नेताओं और सांसदों ने मोदी सरकार के सामने इसमें व्यवधान डालने के लिए गुहार लगा दी। इसके बाद मोदी सरकार ने छत्तीसगढ़ से चावल खरीदी के कोटे को 86 लाख मिट्रिक टन से घटाकर 61 लाख मिट्रिक टन कर दिया और साथ ही बायोमेट्रिक सिस्टम लागू कर दिया ताकि दूर दराज के किसानों को अपना धान बेचने में असुविधा हो। मोदी सरकार चाहती है कि भूपेश सरकार धान खरीदी को लेकर अपने कदम पीछे हटा ले मगर भूपेश सरकार किसान कल्याण के संकल्प पर अटल है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता मणी वैष्णव ने कहा कि भाजपा इस बार भूपेश सरकार द्वारा की गई 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी की घोषणा से और भी ज्यादा सदमे में है। भाजपा को 20 क्विंटल प्रति एकड़ की धान खरीदी में अपनी करारी हार नजर आ रही है। भाजपा यह मंथन करने में लग गई है कि जब 15 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से 2500 समर्थन मूल्य में खरीदी की घोषणा मात्र ही उन्हें 14 सीट में समेट सकती है तो भूपेश सरकार द्वारा 20 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से 2640 में की जाने वाली धान खरीदी उनका क्या हश्र करेगी।प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता मणी वैष्णव ने कहा कि मोदी सरकार बार-बार संघी ढांचे पर प्रहार कर भूपेश सरकार के कामों में अड़चन डालने का प्रयास करती है और यहां की जनता के वोट से चुने गए भाजपा के 9 सांसद किसानों के पक्ष की बात मोदी सरकार के सामने रखने की बजाय मोदी सरकार के साथ मिलकर धान खरीदी में अड़चन कैसे डालना है इसके लिए नए-नए तरीके खोजना शुरू कर देते हैं। जब भूपेश सरकार ने किसानों को 2500 रु समर्थन मूल्य देने की बात कही तब मोदी सरकार ने सेंट्रल पूल में चावल लेने से मना कर दिया, धान खरीदी के समय केंद्र सरकार बारदाने की आपूर्ति रोक देती है, कभी मोदी सरकार कहती है कि हम केंद्रीय पूल में उसना चावल नहीं लेंगे।प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता मणी वैष्णव ने कहा कि छत्तीसगढ़ भाजपा के नेता जब भी मोदी सरकार के साथ मिलकर धान खरीदने में अड़चन डालने का प्रयास करते हैं भूपेश सरकार हर बार कोई नया तरीका अपने वादे को पूरा करने के लिए निकाल लेती है और इस बार भी किसानों के हित पर आँच आने नहीं दिया जाएगा।
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