नई दिल्ली। मोदी सरनेम मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने राहुल गांधी को बड़ी राहत देते हुए उनकी सजा पर फिलहाल रोक लगा दी है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी के वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी से पूछा कि अदालत ने अधिकतम सजा देने के क्या ग्राउंड दिए हैं. कम सजा भी तो दी जा सकती थी.
शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी के वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी से पूछा कि अदालत ने अधिकतम सजा देने के क्या ग्राउंड दिए हैं. कम सजा भी तो दी जा सकती थी. उससे संसदीय क्षेत्र की जनता का अधिकार भी बरकरार रहता. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को सुनाई सजा के फैसले पर रोक लगा दी है. जब तक अपील लंबित रहेगी, तब तक सजा पर रोक बरकरार रहेगी. कोर्ट के इस आदेश के साथ ही राहुल गांधी की संसद सदस्यता भी बहाल हो गई है. अब वे संसद सत्र में भी हिस्सा ले सकेंगे. वहीं कोर्ट का फैसला आने के बाद कांग्रेस ने ट्वीट कर लिखा- यह नफरत के खिलाफ मोहब्बत की जीत है. सत्यमेव जयते – जय हिंद.
आदेश में नहीं बताया, अधिकतम सजा की जरूरत क्यों
सुप्रीम कोर्ट का आदेश ने कहा कि राहुल गांधी की टिप्पणी गुड टेस्ट में नहीं थी. उनका बयान ठीक नहीं था. पब्लिक लाइफ में इस पर सतर्क रहना चहिए. वहीं कोर्ट ने कहा कि निचली अदालत ने अपने आदेश में यह साफ नहीं किया कि अधिकतम सजा की जरूरत क्यों थी? जज को अधिकतम सजा की वजह साफ करनी चाहिए थी. ये मामला असंज्ञेय कैटेगरी में आता है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दोनों अदालतों ने बड़े पैमाने पर पन्ने लिखे गए, लेकिन राहुल गांधी को अधिकतम सजा क्यों दी, इस पहलू पर विचार नहीं किया गया.