आनंद मिश्रा@बलरामपुर। रामानुजगंज जिले के ग्राम पंचायत परसडीहा प्राथमिक पाठ शाला जमई पारा में सन 2000 से पहले भवन का निर्माण हुआ है, जो अति जर्जर हो गया है। अभी भी छात्र छात्राएं की दर्ज संख्या 34 हैं दो वर्ष पहले शासन के द्वारा अतिरिक्त स्वीकृति दी गई है,मगर शासकीय भूमि होने के बाद भी स्वीकृति मिलने के बाद भी भवन नहीं बन पा रहा है और अभी भी एक अतिरिक्त स्वीकृति मिल चुकी है, तीन भवन के स्वीकृति मिलने के बाद भी जर्जर भवन में नन्हे-मुन्ने छात्र-छात्राएं पढ़ने को मजबूर है। कभी भी हादसा हो सकता है।
जब तक कोई हादसा होता नहीं है, तब तक अधिकारी अपनी कुर्सी पर मौन होकर जमे रहते हैं और ऐसे
अनेकों उदाहरण है।
संकुल प्रभारी द्वारा बताया गया कि ब्लॉक से लेकर जिला कलेक्टर को भी लिखित आवेदन दिया गया है। मगर किसी के द्वारा भी कोई उचित कदम नहीं उठाया गया है। शायद अधिकारी भी हादसा होने का इंतजार कर रहे हैं। सभी बच्चे एक ही छोटे रूम में पढ़ने को मजबूर है। वह भी भवन जर्जर है।
पूर्व में इस भवन का मरम्मत भी कराया जा चुका है। और जनपद पंचायत जनप्रतिनिधी आंख मूंदकर पंचायत में जमे हुए हैं। शायद पंचायत प्रतिनिधि भी हादसा होने का इंतजार कर रहे हैं। पंचायत प्रतिनिधि और अधिकारियों के द्वारा हादसा होने से पहले किसी कार्य को सुधार कर लिया जाता तो ऐसा कभी नहीं होता।